BACKBEND |
Backbend for Beginners
I would like to tell all of you that the importance of yoga in Indian culture is incomparable.People have been benefiting by imbibing different types of yoga or methods of doing physical, mental and intellectual development since ancient times.
In the Indian yoga system, the best posture
of yoga is the Chakrasan which is popularly known as the BACKBEND in
the outside world. So today we are giving you interesting information
about the BACKBEND (Wheel pose).
The Backbend is directly related to the Backbone
reed bone and the longer it bends, the more it needs to be practiced
continuously. Backbone is the work of
strong Reed and rubber in the body of a human being, which can cause us to
bend, move, get up, or relax and do so.
You must have seen that our parents had bowed
and to us since birth, so there was no chance to bend backwards, but sometimes at
the school during PT or yoga, we would have got to bend back, but the fear of
falling and back pain remained in the mind. For this reason we could not have
been Backbend. The result may have suffered form back pain or spine, but we
will tell you the benefits of Backbend by it easy. It has back pain and spinal
cord disease will disappear from the Backbend. In
the Backbend, the body is spherical like a position cycle, so it is called the
Backbend.
Doing the
Backbend (wheel pose) is beneficial to all.
Here we explain the process of the Backbend
in simple language.
1) First lay back on the ground. And keep the
breathing conditions normal.
2) Bend the knees of the feet and take it to the
sky and keep the ankles in the legs of 14 to 23 inches and keep the eyes open on the front.
3) put on the ground behind the shoulders of
both hands and the difference between the two wrists is about 12 to 21 inches.
4) Raise the head, the chest, and the upper part
of the waist slowly towards the sky, and move the hands toward the foot, so
that the circular shape is ready, then stay in this position until it is
possible.
5) Release breathing gradually during the Backbend.
6) If there is fatigue, slowly move the body
firmly on the ground and make it compatible.
7) to give comfort to the body in the rest, 1/4 in the respiratory condition. Stay up to 2 minutes.
BACKBEND
(Wheel Pose)
चक्रासन
मैं गजानन लडी आप सभी को
बताना चाहूँगा की, भारतीय संस्कृति में योग का महत्त्व अतुलनीय है|
प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के योग या शारीरिक,
मानसिक और बौद्धिक विकास करने के तरीकों को अपनाने से लोग लाभान्वित हो रहे हैं|
भारतीय योग प्रणाली में, योग का सबसे अच्छा आसन चक्रासन
है जिसे लोकप्रिय रूप से बाहरी दुनिया(Out of Country) में BACKBEND(wheel pose) के रूप में जाना जाता हैं|
इसलिए आज हम
आपको BACKBEND(wheel pose) के बारे में रोचक जानकारी
दे रहे हैं|
बैकबेंड का
सीधा संबंध बैकबोन रीड की हड्डी से होता है और यह जितना सामने की और झुकता है उतना
ही उतना ही बैक साइड झुकता है, सिर्फ
इस के लिए लगातार अभ्यास करने की आवश्यकता
होती हैं| बैकबोन इन्सान के शरीर में मजबूत रीड और रबर का काम करता है, जो हमें
झुकने, हिलने, उठने और चलने में मदत करता
हैं|
आपने देखा होगा की हमारे माता-पिता जन्म से ही हमे सामने
की और झुकाते थे, इसलिए पीछे झुकने का मौका
नहीं मिलता था, लेकिन कभी कभी स्कुल में PT या योग के दौरान आसन करते वक्त पीछे झुकने को मिल जाता था,
लेकिन गिरने का और पीठ दर्द का डर मन में रहता था| इसी वजह से हम कभी Backbend
नहीं कर पाते थे| उसका परिणाम पीठ दर्द या स्पाइन आदि बिमारिओं का सामना करना पड सकता था, लेकिन हम आपको Backbend के जरिये आसान तरीकों से
इसके लाभ बताएँगे| जिससे कमर दर्द और रीढ़ की हड्डी की बीमारी रीढ़ की हड्डी से गायब
हो जाएगी|
Backbend में शरीर कि स्थिति चक्र जैसी गोलाकार होती
है इसलिए इसे Backbend(wheel pose) कहते
है|
Backbend(wheel pose) करना सभी के लिए फायदेमंद हैं|
यहाँ हमने सरल भाषा में Backbend(wheel pose) की
प्रक्रिया समझायी है|
1) सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। और सांस की स्थिति सामान्य रखे |
2) दोनों पैर के घुटने मोड़कर आसमान की तरफ उठाये और दोनों एड़ियों को कुल्हे
के पास रखते हुए,
पैरों में 14 से 23
इंच तक का फासला रखिये तथा नज़र सामने की तरफ
खुली रखे|
3) दोनों हाथों के तलवे कन्धों क पीछे जमीन पर रखे और दोनों कलाई में लगभग 12 से 21 इंच तक अन्तर रखे|
4) सिर,
सीना और कमर के ऊपरी हिस्से को आसमान की ओर
धीरे धीरे उठाये,
और हाथों को पैर की तरफ खिचे, ताकि गोलाकार आकृति
तैयार हो पाए, इस स्थिति में तब तक रहें जब तक संभव हो|
5)Backbend के दौरान धीरे-धीरे सांस लेकर छोड़ें|
7)
शवासन में शरीर को आराम देने के लिए,
सांस की स्थिति में 1/2
मिनट तक रहें।
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